आजादी के 75 साल बाद भी उत्तराखंड के इन गांवों में नही आयी सड़क सरकार कहती है पलायन रोको ।
आजादी के 75 साल हो गए लेकिन अभी तक 1 नही ना जाने कितने गांव ऐसे है जहाँ सड़क नही पहुची है ।।
चलो हम बात कर लेते है
अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत ब्लॉक के अंतर्गत आने वाला गांव है ।
सौला और इसके टच में ही नैनीताल जिले के कुछ छोटे गांव सिमलढुंगा केडापानी नावाडं हमकोट
तुनिया चौड़ा
सौला में ऐसे तो 4 गांव आते है जिनके अलग अलग नाम है
एक तो जालिखान के पास ही है उसको सौला बोलते है
थोड़ी दूरी पे गांव है उसको ग़ैरबाखली और महारखोला साइट जो दो गांव है उनको धरबाख़ली और गुणवन्त बाखली बोलते है ।
इनसे ही नीचे नैनीताल जिले के कुछ गांव है ।
कितनी सरकार आ गयी कितनी चली गयी लेकिन वर्षो बीत गए लेकिन सड़क आने का नाम नही ले रही ।
जितने नेता गण आते है झुटे दावे करके चले जाते है ।
2017 चुनाव में सौला ग्राम वासियो ने किसी भी प्रत्यासी को वोट ना देने का ऐलान भी किया था
लेकिन
नेता लोगो ने वादा किया था कि वो ऐसा ना करे जिसकी सरकार भी आएगी वो सड़क की योजना जरूर लाएगी लेकिन अभी तक कोई चांस नही लग रहे है ।
उत्तराखंड में जितनी सरकार भी आती है कोई भी पूर्ण कार्य नही कर पाती है ।
हर सरकार यही कहती है पलायन रोको तो दोस्तो जहा लोगो को सड़क की मोटर ब्यवस्था नही मिलेगी वहा से लोग पलायन नही करंगे तो क्या करंगे ।।
1 रोड जालिखान में है जो बिलेख रानीखेत लिंक है दूसरी काफी नीचे है जो बेतालघाट गरमपानी खैरना लिंक है बाकी बचे बीच के ये गांव जिनका नाम ऊपर लिखा गया है यहां के लोगो को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है ।
और सरकार ये सुनने को तैयार नही है ।
कोई भी नेता चुनाव जीतने के बाद इन गांवो का मुआयना करने तक नही आते है ।।
दोस्तो इसको जितना हो सके शेयर कीजिये ।।
क्या पता आपका एक शेयर सरकार तक पहुचे और इन गांव में सड़क की ब्यवस्था पहुचे ।।
जय उत्तराखंड जय भारत
चलो हम बात कर लेते है
अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत ब्लॉक के अंतर्गत आने वाला गांव है ।
सौला और इसके टच में ही नैनीताल जिले के कुछ छोटे गांव सिमलढुंगा केडापानी नावाडं हमकोट
तुनिया चौड़ा
सौला में ऐसे तो 4 गांव आते है जिनके अलग अलग नाम है
एक तो जालिखान के पास ही है उसको सौला बोलते है
थोड़ी दूरी पे गांव है उसको ग़ैरबाखली और महारखोला साइट जो दो गांव है उनको धरबाख़ली और गुणवन्त बाखली बोलते है ।
इनसे ही नीचे नैनीताल जिले के कुछ गांव है ।
कितनी सरकार आ गयी कितनी चली गयी लेकिन वर्षो बीत गए लेकिन सड़क आने का नाम नही ले रही ।
जितने नेता गण आते है झुटे दावे करके चले जाते है ।
2017 चुनाव में सौला ग्राम वासियो ने किसी भी प्रत्यासी को वोट ना देने का ऐलान भी किया था
लेकिन
नेता लोगो ने वादा किया था कि वो ऐसा ना करे जिसकी सरकार भी आएगी वो सड़क की योजना जरूर लाएगी लेकिन अभी तक कोई चांस नही लग रहे है ।
उत्तराखंड में जितनी सरकार भी आती है कोई भी पूर्ण कार्य नही कर पाती है ।
हर सरकार यही कहती है पलायन रोको तो दोस्तो जहा लोगो को सड़क की मोटर ब्यवस्था नही मिलेगी वहा से लोग पलायन नही करंगे तो क्या करंगे ।।
1 रोड जालिखान में है जो बिलेख रानीखेत लिंक है दूसरी काफी नीचे है जो बेतालघाट गरमपानी खैरना लिंक है बाकी बचे बीच के ये गांव जिनका नाम ऊपर लिखा गया है यहां के लोगो को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है ।
और सरकार ये सुनने को तैयार नही है ।
कोई भी नेता चुनाव जीतने के बाद इन गांवो का मुआयना करने तक नही आते है ।।
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क्या पता आपका एक शेयर सरकार तक पहुचे और इन गांव में सड़क की ब्यवस्था पहुचे ।।
जय उत्तराखंड जय भारत
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